
दुश्मन देश से क्रिकेट क्यों
भारत पाकिस्तान क्रिकेट मैच के लिए देश भर में गुस्सा है, लेकिन सरकार के प्रतिनिधि इस मुद्दे पर बिल्कुल मौन है। जब पाकिस्तान द्वारा बॉर्डर पर आये दिन गोलाबारी हो रही है तो ऐसे में भारतीय टीम का दुश्मन देश के साथ क्रिकेट खेलना कितना जायज़ है।
राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा ने भी भारत पाकिस्तान मैच का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और क्रिकेट एक साथ नही हो सकते। जब पाकिस्तान हमारे टीवी चैनलो को पाकिस्तान में बैन कर सकता है तो क्या हम इस मैच को रद्द नही कर सकते। देश मे लगातार उरी जैसे हमले करने की पाकिस्तान कोशिश कर रहा है लेकिन हमारे देश के वीर सैनिको के इनके मंसूबो को नाकाम कर दिया।
सरकार द्वारा खिलाड़ियों को विभिन्न खेल पुरस्कारों से नवाजा जाता है, देश की सेनाओं में विभिन्न पद दिए जाते है तो क्या सरकार को इस पर निर्णय नही लेना चाहिए था।
बीसीसीआई क्या पैसों के लिए देश की भावनाओ के साथ खिलवाड़ कर सकता है। बीसीसीआई को देश भावनाओ का आदर करते हुए इस मैच को रद्द कर देना चाहिए और दुनिया मे एक सख्त उदाहरण पेश करना चाहिए। जब आतंकी देश के खिलाफ अफगानिस्तान जैसा देश खेलने से मना कर सकता है तो भारत ऐसा निर्णय क्यों नहीं लेता
इस मैच को लेकर शहीदों के परिवारों में नाराजगी है। उनका कहना है हमारे बेटे सरहद पर अपनी जान गंवा रहे है तो ऐसे में क्रिकेट खेलना कहा उचित है। आज अगर हमारे देश के सैनिक अपनी जान नही दे रहे होते तो इस देश मे कितने आतंकी हमले होते ये आप सोच सकते है। सरकार को एवं बीसीसीआई को शहीदो का संम्मान करते हुए इस मैच को तुरंत रद्द कर देना चाहिए।
हम सम्मान करते है शहीदों के परिवारों का और राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा का जिन्होंने इसके विरोध में अपनी आवाज़ को बुलंद किया। आज पूरा देश इनके साथ खड़ा है।
लंदन में आतंकी हमला हुआ जिसकी जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली है। अगर आज ये मैच होता है और अगर इसमे किसी तरह की घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी।
अगर आज ये मैच भारत पाकिस्तान के साथ खेलता है और देश की जन भावनाओ के साथ खेलता है तो खिलाड़ियों को भारत रत्न और सेनाओ के पदों और देश के अन्य पुरुस्कारों से दूर रखना चाहिए। जब इन खिलाड़ियों का और बीसीसीआई का मकसद पैसा कमाना ही है तो देश की जन भावनाओ के साथ खिलवाड़ करने का इन्हें कोई हक नही है।
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